जाने माने शायर और गीतकार राहत इंदौरी का निधन हो गया है। वो कोरोना संक्रमित होने के बाद इंदौर के एक अस्पताल में भर्ती थे। 70 वर्षीय राहत इंदौरी को कोरोना और सांस लेने में दिक्कत की वजह से भर्ती कराया गया था। उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई।
इंदौर के श्री ऑरविंदो अस्पताल के डॉक्टर विनोदी भंडारी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि मंगलवार को उन्हें दो बार दिल का दौरा पड़ा और उन्हें बचाया नहीं जा सका। डॉक्टर भंडारी ने बताया कि उन्हें 60 प्रतिशत निमोनिया था।
राहत इंदौरी ने मंगलवार सुबह ही ट्विटर पर अपने कोरोना संक्रमित होने की जानकारी दी थी। मंगलवार को इसी एकाउंट से उनकी मृत्यु की सूचना दी गई। शुरैह नियाज़ी के मुताबिक़ संभवतः राहत इंदौरी के बेटे ने ये ट्वीट किया है।
इस ट्वीट में लिखा है – “राहत साहब का Cardiac Arrest की वजह से आज शाम 05:00 बजे इंतेक़ाल हो गया है….. उनकी मग़फ़िरत के लिए दुआ कीजिये….”
राहत इंदौरी का जन्म एक जनवरी, 1950 को हुआ था. इंदौर के ही नूतन स्कूल से उन्होंने हायर सेकेंडरी की पढ़ाई पूरी की। इंदौर के ही इस्लामिया करीमिया कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय से एमए किया।
बीते 40-50 सालों से वे मुशायरा और कवि सम्मेलनों अपनी शायरी पढ़ रहे थे।
वे एक गंभीर शायर होने के साथ साथ युवा पीढ़ी की नब्ज़ को कैसे थाम लेते थे, इसका अंदाज़ा आप इससे लगा सकते हैं कि उनकी कविता बुलाती है मगर जाने का नहीं तमाम सोशल प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गई।
राहत इंदौरी ने बॉलीवुड की फिल्मों के लिए भी कुछ चर्चित गीत लिखे थे। इसमें घातक फिल्म की कोई जाए तो ले आए, इश्क फिल्म की नींद चुराई मेरी तुमने वो सनम और मुन्नाभाई एमबीबीएस के एम बोले तो मुन्ना भाई एमबीबीएस जैसे लोकप्रिय गीत शामिल हैं।