नई दिल्ली: । उलेमा काउंसिल के सचिव शहजाद अली, जो कथित तौर पर विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ शाहीन बाग आंदोलन में शामिल थे, वह रविवार को अल्पसंख्यक समुदाय के अन्य सदस्यों के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। वह लंबे समय से मुस्लिमों के अधिकारों के लिए काम करते रहे हैं और बीजेपी, आरएसएस का विरोध भी करते रहे हैं।
अब उनका कहना है कि बीजेपी मुसलमानों की दुश्मन नहीं है और यह बात सबको समझानी बहुत जरूरी है। दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने उन्हें बीजेपी में शामिल करवाया।
पार्टी जॉइन करने के बाद शहजाद ने कहा, ‘हमारे समुदाय के जो लोग बीजेपी को दुशमन समझते हैं, मैं उनको गलत साबित करना चाहता हूं। सीएए के मामले पर साथ बैठकर बात करना जरूरी है।’ शाहीन बाग में धरना खत्म होने के बाद से ही उनका रुख बदला-बदला नजर आ रहा था। उन्होंने सोशल मीडिया पर सरकार का पक्ष लेना शुरू कर दिया था।
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में विरोध हो रहा था। इस दौरान शाहीन बाग इस विरोध का केंद्र बनकर सामने उभरा था। यहां महिलाओं ने लगभग 3 महीने तक धरना दिया। इस दौरान पूरे देश से इसका विरोध करने वाले यहां जुटते रहे। शहजाद अली भी काफी ऐक्टिव थे और सीएए के विरोध में अपनी बात रखते थे। इससे पहले भी वह बीजेपी और आरएसएस के खिलाफ बोलते रहे हैं।