आज हीं की तारीख यानी 6 दिसंबर 1992 को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित चार सौ साल पुरानी बाबरी मस्जिद को ढ़ाह दिया गया था। एक तरफ इस विध्वंस को लेकर कई वर्ग संकल्प दिवस के रूप में मना रहे है। वहीं, दूसरे वर्ग इसे बरसी के तौर पर याद कर रहा है।
इसी मौके पर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अपने आने वाली पीढ़ियों को याद दिलाईए कि चार सौ सालों तक अयोध्या में बाबरी मस्जिद खड़ी थी। रविवार को ओवैसी ने ट्वीट कर अपने समर्थकों से कहा, “वे आने वाली पीढ़ियों को याद दिलाएं और उन्हें सिखाएं कि 400 सालों तक अयोध्या में बाबरी मस्जिद खड़ी थी। हमारे पूर्वज इस मस्जिद के हॉल में इबादत करते थे और इसके आंगन में रोजा तोड़ते थे। जब उनकी मौत हो जाती थी तो आस-पास के कब्रिस्तान में उन्हें दफनाया जाता था।”
सुप्रीम कोर्ट ने साल 2019 में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन मामले पर राममंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया था। अब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू हो गया है वहीं, इसके बाद ये पहली बाबरी विध्वंस की पहली बरसी है। इस मामले में इसी साल अगस्त-सितंबर के महीने में लखनऊ की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने लाल कृष्ण आडवाणी, उमा भारती समेत सभी बत्तीस आरोपियों को बरी कर दिया था। इस मामले में कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई सबूत जुटाने में नाकाम रही। हालांकि, इस पर भी काफी बवाल मचा।
आगे एआईएमआईएम के सांसद ओवैसी ने कहा कि इस नाइंसाफी को कभी नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने अगले ट्वीट में यह भी कहा कि साल 1949 की 22-23 दिसंबर की रात को बाबरी मस्जिद को अपवित्र किया गया और 42 सालों तक अवैध रूप से इस पर कब्जा रखा गया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले पर फैसला सुनाते हुए अयोध्या में हीं मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था।