कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल असम में कांग्रेस पार्टी के लिए डोर टू डोर प्रचार (Door to Door Campaign) कर रहे हैं। पहले चरण का प्रचार खत्म होने के बाद बीजेपी पर निशाना साधते हुए बघेल ने कहा कि, पिछले चुनाव में भाजपा ने जो वादे किए थे, उसे लोग भूले नहीं हैं। भाजपा जो वादे करती है, उसे कभी पूरा नहीं करती। भाजपा कभी अपने चुनावी वादों के आधार पर वोट नहीं मांगती। भाजपा सिर्फ भय दिखाकर वोट मांगती है।
बघेल ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर भाजपा असम में कुछ और कहती है, बंगाल में कुछ और कहती है। भाजपा के तीन गले हैं। पश्चिम बंगाल में भाजपा नेता टेबल ठोककर कहते हैं कि पहली कैबिनेट में सीएए लागू करेंगे लेकिन असम में आते ही ये नेता चुप हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि सर्बानंद सोनेबाल के क्षेत्र में भी मैं गया था। वहां के लोग खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। ब्रह्मपुत्र नदी पर पुल बनाने का जो वादा उन्होंने किया था। 5 साल बाद भी उसका डीपीआर तक नहीं बना।
CAA को लेकर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा बेरोजगारी, महंगाई, बाढ़ के बुरे हालात, हाशिए पर खड़े चाय बागान श्रमिकों और तस्करों के गिरोह से जुड़े सवालों के जवाब देने से बच रही है। भाजपा कभी अपने किए कामों के बूते पर वोट नहीं मांगती। BJP ये कभी नहीं कहती कि हमने लाखों बेरोजगारों को रोजगार दिया। किसानों की आय दोगुनी की इस बूते वोट दिया जाए।
उन्होंने कहा कि, भाजपा नेता असम में सीएए के मुद्दे पर पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं। मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी चुप हैं। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने भी चुनाव प्रचार के दौरान इस मुद्दे को नजरअंदाज किया। उनकी चुप्पी दर्शाती है कि सीएए लागू करने के मुद्दे पर उनका दृष्टिकोण स्पष्ट नहीं है। CAA को लेकर भाजपा का दोहरा मापदंड उजागर हो गया है।