farmers protests

नई दिल्ली। कृषि कानून के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को 5 महीने से अधिक समय हो गया है। इसी बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने वर्तमान किसान आंदोलन को कवर रहे सोशल मीडिया अकाउंट्स पर सरकार पर लगातार हमला करने का आरोप लगाया है और बंद हुए अकाउंट्स को फिर से एक्टिव करने की मांग रखी है।

मोर्चा के अनुसार, इससे पहले किसान एकता मोर्चा के फेसबुक व इंस्टाग्राम पेज को बंद किया गया था। इसके बाद आंदोलन से संबंधित अन्य स्वतंत्र पेज को भी सस्पेंड किया गया। इंटरनेट बैन करके सरकार ने एक तरफा एजेंडा भी फैलाया।

संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी कर कहा कि, बीते दिनों अमांबलि नामक ट्विटर हैंडल को भारत सरकार के दबाव में सस्पेंड कर दिया गया। यह एकाउंट किसान मोर्चे में हो रहे शहीदों की जानकारी समेत किसान आंदोलन से जुड़ी हर छोटी बड़ी जानकारियां लोगो के साथ सांझा करता रहा है।

इस एकाउंट से कोरोना महामारी से संबंधित भी लोगों की मदद की जा रही है। किसान आंदोलन में लगातार लंगर और अन्य जरूरी सामान की सेवा करने वाले और कोरोना महामारी में आम लोगों की बढ़ चढ़कर मदद करने वाले सामाजिक कल्याण संगठन खालसा एड के प्रमुख रवि सिंह का फेसबुक अकाउंट भी सस्पेंड कर दिया है।

सरकार की स्वतंत्र पत्रकारिता और सामाजिक कार्यकर्ताओं पर हमले की हम निंदा व विरोध करते हैं और इन एकाउंट्स को तुरंत एक्टिव करने की मांग करते हैं।

दरअसल किसानों के आंदोलन में एक बार फिर से भीड़ जुटना शुरू हो गई है। संख्या कम होने पर इससे पहले किसान नेताओं ने गांव के खेतों में कटाई करने जाने की बात कही थी। वहीं आज सिंघु बॉर्डर पर कटाई के सीजन के लगभग पूरा होते ही किसानों ने वापस दिल्ली, मोचरें पर पहुंचना शुरू कर दिया है।

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