बेंगलुरु, 10 जून | कर्नाटक बिजली नियामक ने बुधवार को वित्तवर्ष 2021-22 के लिए उपभोक्ताओं के लिए 1 अप्रैल से बिजली दरों में 30 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की। विपक्षी कांग्रेस ने इस बढ़ोतरी का विरोध किया और इसे राज्य के लोगों के लिए ‘भाजपा झटका’ करार दिया।
केईआरसी ने यहां एक बयान में कहा, कर्नाटक विद्युत नियामक आयोग (केईआरसी) ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 30 पैसे प्रति यूनिट की औसत टैरिफ वृद्धि को मंजूरी दी है।
हालांकि बिजली आपूर्ति कंपनियों ने औसतन 1.35 रुपये प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की मांग की थी।
नियामक ने कहा, संशोधित टैरिफ बिजली वितरकों (एस्कॉम) द्वारा मांगी गई 17.31 प्रतिशत के मुकाबले 3.84 प्रतिशत की औसत वृद्धि है।
कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने बढ़ोतरी का विरोध करते हुए कहा कि बिजली की दरों में वृद्धि आम आदमी से लेकर उद्योगों तक सभी के लिए विनाशकारी होगी, जो महामारी के कारण पीड़ित हैं।
सिद्धारमैया ने एक ट्वीट में कहा, कर्नाटक के पास अतिरिक्त बिजली है और फिर भी (भाजपा) सरकार केंद्रीय ग्रिड, अदाणी और अन्य से ऊंची कीमत पर बिजली खरीद रही है, जिसकी कीमत हम लोगों को चुकानी पड़ रही है।
हालांकि संशोधित टैरिफ 1 अप्रैल से पूर्वव्यापी रूप से प्रभावी होगा। नियामक ने कहा कि राज्य में कोविड-प्रेरित लॉकडाउन के तहत उपभोक्ताओं पर बोझ को कम करने के लिए अप्रैल और मई के बकाया अक्टूबर-नवंबर के दौरान बिना ब्याज के वसूल किए जाएंगे।