Milkha Singh

चंडीगढ़, 19 जून | महान धावक मिल्खा सिंह ने शुक्रवार रात अंतिम सांस ली। वह 91 साल के थे और कोविड-19 के खिलाफ एक मजबूत लड़ाई के बाद विजेता के रूप में सामने आए थे। बुधवार को उनका कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया था।

मिल्खा को चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया था। मिल्खा परिवार ने एक बयान जारी कर इस महान धावक के निधन की पुष्टि की।

पूर्व एथलीट, जिसे ‘फ्लाइंग सिख’ नाम से भी माना जाता है, को एक सप्ताह तक मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में इलाज के बाद ऑक्सीजन के स्तर में गिरावट के बाद 3 जून को पीजीआईएमईआर में भर्ती कराया गया था।

मिल्खा ने एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता में चार बार स्वर्ण पदक जीता है और 1958 के राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता था। हालांकिक, 91 वर्षीय को 1960 के रोम ओलंपिक के 400 मीटर फाइनल में उनकी एपिक रेस के लिए याद किया जाता है।

मिल्खा ने 1956 और 1964 के ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है और उन्हें 1959 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।

बीते 13 जून को ही मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल कौर का कोरोना के कारण निधन हो गया था। सिंह के परिवार में तीन बेटियां डॉ मोना सिंह, अलीजा ग्रोवर, सोनिया सांवल्का और बेटा जीव मिल्खा सिंह हैं। गोल्फर जीव, जो 14 बार के अंतरराष्ट्रीय विजेता हैं, भी अपने पिता की तरह पद्म श्री पुरस्कार विजेता हैं।

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